बरारी स्थित बियाडा के इंडस्ट्रियल एरिया में इस बरसात से जलजमाव की समस्या नहीं हाेगी। 12.5 कराेड़ रुपए की लागत से इंडस्ट्रियल एरिया में तीन हजार वर्गमीटर में नाले का निर्माण हाेगा। इसके लिए निर्माण शुरू हाे गया है। करीब 500 मीटर में भी काम भी पूरा हाे गया है। वहां तेजी के साथ काम चल रहा है। इसके साथ ही जहां-जहां सड़क टूट गई है, उसे भी दुरुस्त किया जाएगा। इसे मई तक पूरा करने की समय सीमा है।
बियाडा की 48.59 एकड़ जमीन 98 इकाइयों को दी गई है। जानकारी के मुताबिक, बरसात के समय में बारिश का पानी वहां जमा हाे जाने से उत्पादन पर भी असर पड़ता है। सड़क पर कीचड़ व जलजमाव के कारण लाेगाें काे आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। कारण यह था कि वहां नाला नहीं था। इस कारण से सड़क पर कई दिनाें तक पानी जमा रहता था। इस दाैरान लाेग कीचड़ में गिरते-संभलते आवागमन करने काे विवश रहते थे।
बियाडा की 51.38 एकड़ जमीन में 48.59 पहले से आवंटित की गई है
बता दें कि बरारी स्थित बियाडा की 51.35 एकड़ जमीन है। इसमें 48.59 एकड़ जमीन 98 इकाइयों को दी गई है। जबकि 2.76 एकड़ जमीन खाली है। इसका अब तक किसी इकाई काे अावंटित नहीं किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, अभी वहां 67 इकाइयां चल रही हैं। इसके साथ ही बियाडा कैंपस में 31 इकाइयों से किसी तरह का काेई उत्पादन नहीं किया जा रहा है।
8 इकाइयां बैंक लाेन के पेच में लंबे समय से फंसा हुआ है। जबकि तीन इकाई का निर्माण चल रहा है, इसके जल्द चालू हाेने की संभावना जताई जा रही है। इसमें एक मल्टीप्लेक्स भी है। इसके अलावा छह से अधिक इकाई ऐसी है, जिसे जमीन आवंटित कर दी गई है। लेकिन अब तक किसी तरह का काेई उत्पादन तैयार नहीं किया जा रहा है।
बारिश के समय में स्कूली बच्चाें काे भी परेशानी हाेती है
साथ ही वहां एक बड़ा स्कूल भी है और बच्चाें और अभिभावकाें काे भी आने-जाने में परेशानी हाेती थी। साथ ही ओद्याैगिक क्षेत्र में वहां काम करनेवाले लाेगाें काे भी परेशानी का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब नाला का निर्माण हाेने से वहां जलजमाव नहीं हाेगा और पानी का निकासी हाे जाएगा।
नाला बनने से अब उनलाेगाें काे बरसात के दिनों में राहत मिलेगी। इस बाबत बियाडा के उप महाप्रबंधक साैम्या वर्मा ने बताया कि नाला के निर्माण शुरू हाे गया है और मई के अंत तक बनकर तैयार हाे जाएगा। नाला निर्माण के बाद जलभराव की समस्या से राहत मिलेगी।