दो साल का एक्सटेंशन मिलने के बावजूद समार्ट सिटी मिशन की मियाद जून 2023 में पूरी हो जाएगी, किन भागलपुर शहर में 19 में से महज तीन योजनाएं ही पूरी हो चुकी हैं। 16 योजनाओं पर अभी काम ही चल रहा है। लिहाजा अगर बचे हुए आठ महीने में स्मार्ट सिटी की तमाम योजनाओं पर काम पूरा नहीं हुआ तो फिर तकनीकी अड़चन आ सकती है और स्मार्ट सिटी की योजनाएं अटक भी सकती हैं। अभी तक भागलपुर स्मार्ट सिटी कंपनी ने तीन योजनाओं को पूरा कराया है। इसमें मायागंज अस्पताल के पास नाइट शेल्टर, कचहरी चौक के पास सरफेस पार्किंग और सरकारी कार्यालयों पर रूफ टॉप सोलर पैनल की योजना शामिल है। ये तीनों योजनाएं मिलाकर 50 करोड़ की भी नहीं है। मसलन शहर को स्मार्ट बनाने के लिए जो बड़ी योजनाएं हैं, उनमें से एक का भी काम पूरा नहीं हुआ है।
2016 में भागलपुर स्मार्ट सिटी मिशन की फास्ट ट्रैक कैटोगरी से इस योजना के चयनित हुआ था। शुरुआती दिनों में कुछ छोटे-छोटे काम कराकर स्मार्ट सिटी का काम कराने का अहसास कराया गया। इसके तहत शहर में ओपेन जिम बनाए गए, कुछ झूले लगाए गए और कुछ एलईडी स्क्रीन और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। लोगों को लगा कि अगले पांच साल में शहर की सूरत बदल जाएगी। 2021 में योजना की अवधि पूरी होने वाली थी। भागलपुर स्मार्ट सिटी के पास दिखाने के लिए एक काम नहीं था। लिहाजा दो साल के लिए योजना को अवधि विस्तार दिया गया। इस शर्त के साथ कि टेंडर और योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाएंगे, लेकिन भागलपुर में अलग-अलग कारणों से योजनाएं अटकती रहीं। कहीं कानूनी विवाद हो गया तो कहीं एनओसी के कारण मामला अटक गया। कुछ योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी भी हुई। इसके अलावा स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से भी लेटलतीफी हुई। आज भी नतीजा यह है कि करीब 12 योजनाओं पर काम ही चल रहा है। कुछ योजनाएं ऐसी है जिसका टेंडर तो हो गया है लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है। हालांकि स्मार्ट सिटी कंपनी के टेक्निकल मैनेजर एवं पीआरओ पंकज कुमार कहते हैं कि भागलपुर स्मार्ट सिटी कंपनी अगले आठ महीने में अपने सभी कामों को पूरा कर लेगी। उनका कहना है कि अब न तो बारिश का समय है और न ही किसी तरह की छुट्टी आदि है। अब शेष बचे दिनों में तेजी से काम होगा।