पटना उच्च न्यायालय ने जिले में तैनात 11 उप समाहर्ता रैंक के अधिकारियों को न्यायिक शक्ति देते हुए विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी के रूप में मंजूरी दी है। राज्य सरकार के ये अधिकारी अब द्वितीय श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के रूप में शराबबंदी कानून के तहत शास्ति (अर्थदंड) आरोपित कर सकेंगे और शराब पीने में पकड़े गए लोगों को तुरंत जमानत दे सकेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने 11 पदाधिकारियों के नाम की अनुशंसा करते हुए उनके क्षेत्राधिकार की जानकारी डीएम को दी है। सरकार के उप सचिव गुरफान अहमद ने इन पदाधिकारियों को दो साल या स्थानांतरित होने तक (दोनों में जो पहले हो) के लिए न्यायिक दंडाधिकारी के रूप में काम करने को कहा है। अधिसूचना के मुताबिक वरीय उप समाहर्ता मृत्युंजय कुमार, विकास कुमार कर्ण, सदर एसडीओ धनंजय कुमार, एएसडीओ अन्नु कुमारी, डीसीएलआर गिरिजेश कुमार, कहलगांव के एसडीओ मधुकांत, कहलगांव डीसीएलआर संतोष कुमार, कहलगांव के अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुधीर कुमार, नवगछिया एसडीओ यतेंद्र कुमार पाल, नवगछिया के डीसीएलआर परमानंद साह और अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विनय कुमार सिंह को भादवि 1973 की धारा 21 के तहत शास्ति अधिरोपित करने की शक्ति मिली है।
जिले के 11 पदाधिकारी को मिली न्यायिक शक्ति;
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