भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में माक्र्स फाइल की वजह से स्नातक पार्ट वन (सत्र : 2020-23) की कापियों का मूल्यांकन कार्य अटकेगा। इस बार भी करीब 250000 लाख माक्र्स फाइल की आवश्यकता है। पिछली बार भी परीक्षाओं में मूल्यांकन केंद्र पर माक्र्स फाइल की वजह से अंक देने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
मूल्यांकन केंद्रों को जब विवि से यह उपलब्ध नहीं कराया गया तो उन लोगों ने एक माक्र्स फाइल की फोटो कापी कराकर परीक्षकों को उपलब्ध कराया। तब जाकर जिन कापियों की जांच हुई थी। उसका नंबर चढ़ाया गया।
क्या है माक्र्स फाइल
माक्र्स फाइल एक फार्मेट है। इसका काम कापी मूल्यांकन के समय मूल्यांकन केंद्रों पर वीक्षकों द्वारा किया जाता है। वे जिन विषयों की कापी जांचते हैं, कापी का नंबर उसी माक्र्स फाइल के फार्मेट में भरते हैं। इसमें छात्रों का रोल नंबर और माक्र्स होता है। जिसे गोपनीय तरीके से मूल्यांकन के बाद परीक्षा विभाग को भेज दिया जाता है। वहां टेबुलेटिंग रजिस्टर तैयार होता है। जिसमें छात्रों के सभी पेपर का अंक समेत अन्य जानकारी होती है। माक्र्स फाइल के बिना कापी मूल्यांकन नहीं हो सकता है।
12 मई को पार्ट वन आनर्स की परीक्षा समाप्त हो गई है। सब्सिडियरी की परीक्षा 30 मई तक चलेगी। इस बीच परीक्षा विभाग ने परीक्षकों की सूची तैयार कर ली है। विभाग ने स्टोर को माक्र्स फाइल के लिए मांग भेज दिया है। इसके अलावा मूल्यांकन के समय आने वाली जरूरी सामानों की सूची भी दी है। इससे संबंधित फाइल को प्रभारी कुलपति के पास अनुमति के लिए भेजा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही कागजों की खरीद होगी और सामानों की आपूर्ति हो सकेगी। तब तक मूल्यांकन का कार्य प्रभावित होगा।
परीक्षा विभाग के संसाधनों से संबंधित फाइल की जानकारी है। प्रयास हो रहा है कि जल्द सामानों की पूर्ति प्रक्रिया के तहत की जा सके। ताकि समय पर परीक्षाफल प्रकाशित हो सके। – डा. निरंजन प्रसाद यादव, कुलसचिव टीएमबीयू