भागलपुर,मिर्जाचौकी से मुंगेर तक बन रही फोरलेन सड़क से जिले के चिली जोन कहलगांव पीरपैंती के मिर्च किसानों की सहूलियत बढ़ेगी। एनएच 80 की बदहाली के कारण इस इलाके के मिर्च किसानों तक देश की बड़ी मंडियों से न ज्यादा व्यापारी पहुंच रहे हैं न ही यहां के किसान बाहर की मंडियों तक अपना माल भेज पाते हैं। बिक्री की समस्या के कारण मिर्च किसानों को बेहतर कीमत नहीं मिल पा रही है। ऐसे में नई फोरलेन सड़क बन जाने से वाराणसी, कोलकाता, दिल्ली सहित देश की अन्य बड़ी मंडियों तक मिर्च आसानी से भेजी जा सकेगी।
पीरपैंती के किसान विभू दुबे बताते हैं कि पहले मिर्च की खेती बड़े रकबे में करते थे, लेकिन जब से एनएच की स्थिति खराब हुई है तब से बाजार की बड़ी समस्या हो गई है। कहलगांव की मिर्च सबसे ज्यादा वाराणसी की मंडी में जाती थी। सड़क खराब होने के कारण वाराणसी के व्यापारी कहलगांव आने से बचने लगे। यहां से माल भेजने में भी ट्रांसपोर्टिंग का खर्च अधिक था। इसलिए मिर्च की खेती बहुत कम कर दिए। अब कम रकबे में मिर्च उपजा रहे हैं। दूसरे मिर्च किसान सुनील मंडल बताते हैं कि सीमांचल क्षेत्र में उपजायी जा रही मिर्च बाहर की मंडियों तक आसानी से पहुंच रही है। वहां बाहर के व्यापारी भी आते हैं। क्योंकि उधर आवागमन की समस्या नहीं है। सड़क खराब होने की वजह से मंडी तक पहुंचने में समय ज्यादा लगता है। ऐसे में मिर्च खराब हो जाती है। जाहिर तौर पर इससे कीमत कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि इसी कारण से अब हाईब्रिड मिर्च का उत्पादन ज्यादा हो रहा है। हाईब्रिड मिर्च ज्यादा दिनों तक टिकता है। आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह बताते हैं कि फोरलेन बनने के बाद किसानों को बड़ा बाजार मिलेगा। अभी भी कहलगांव की मिर्च देश के कई मंडियों में पहुंचती है।