मौसम वैज्ञानिक महानिदेशक डॉ महापात्रा पिछले 2 दिनों से पटना के आधिकारिक दौरे पर थे। इस दौरे के दौरान उन्होंने पटना आईआईटी के साथ मिलकर एक एमओयू साइन किया। इस एमओयू के तहत उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग कर मौसम पूर्वानुमान की तकनीकी में विकास साथ ही मौसम की निगरानी के लिए सेंसर का संयुक्त विकास और स्थानीय स्टार्टअप कंपनियों को इसका व्यवसायीकरण के लिए एमओयू साइन किया गया। इस बात की जानकारी उन्होंने आज पटना मौसम विभाग के कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करके दी।
उन्होंने बताया कि आज एक कार्यक्रम का आयोजन आईआईटी पटना के बेटा स्थित परिसर में किया गया था जिसमें आईआईटी पटना के निदेशक प्रोफेसर डॉ टीएमसी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया और दस्तावेज का आदान-प्रदान भी किया गया।
पूर्णिया में बनेगा दूसरा डॉपलर रडार
उन्होंने बताया कि राज्य के लिए जरूरी दूसरे रडार को मंजूरी दे दी गई यह रडार पूर्णिया में अगले 2 साल के भीतर स्थापित कर दिया जाएगा। इस रडार के लग जाने से अधिक वर्षा वाले बादल जो कि कई बार हिमालय की तलहटी में आकस्मिक बाढ़ के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे सिस्टम के निगरानी के लिए बहुत ही लाभप्रद साबित होगा।
आगे उन्होंने यह भी बताया कि भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई के साथ से संयुक्त रूप से चलाए जा रहे एक कार्यक्रम के तहत बिहार में स्थित चार कार्यालय यानी पटना, गया, पूर्णिया और भागलपुर में स्थानीय वितरण माफ के लिए उपकरण लगाया जाएगा स्थलीय विकिरण माप के लिए उपकरण लगाया जायेगा। जिनका उपयोग जलवायु में दीर्घकालिक प्रवृत्ति के विश्लेषण के लिए किया जाएगा।
वेदर ऑब्जर्विंग सिस्टम का भी उन्होंने निरीक्षण किया
उन्होंने बताया कि पटना एयरपोर्ट रनवे के दोनों सिरों पर नव स्थापित अत्याधुनिक एविएशन वेदर ऑब्जर्विंग सिस्टम का भी उन्होंने निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इस उपकरण की स्थापना के साथ दोनों रनवे से लैंडिंग के समय पायलट द्वारा आवश्यक सभी मौसम संबंधित अवलोकन वास्तविक समय के आधार पर उपलब्ध होंगे। इससे पटना एयरपोर्ट से सुरक्षित उड़ान संचालन में कोई परेशानी नहीं होगी।