जिले में 10 फरवरी से एमडीए अभियान की शुरुआत हो रही है। इसे लेकर तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इसके तहत दो वर्ष से अधिक उम्र के जिले के 24 लाख लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाई जाएगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तो तैयारी कर ही रहा है। साथ में दूसरे अन्य सरकारी विभाग भी इसमें भी हाथ बंटाएगा।
इसमें आईसीडीएस, जीविका, शिक्षा विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग, पीआरआई मेंबर और विकास मित्र का सहयोग रहेगा। बांका सदर प्रखंड में नगर परिषद भी इस अभियान में मदद करेगा। हालांकि बांका सदर प्रखंड में यह अभियान नहीं चलेगा।
नाइट ब्लड सर्वे के दौरान यहां फाइलेरिया मरीजों के मिलने की दर एक प्रतिशत से भी कम था। लेकिन सदर प्रखंड के उस हिस्से में जहां कि अभियान चलेगा, वहां पर नगर परिषद का सहयोग लिया जाएगा। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि अभियान के दौरान क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका भी सहयोग करेंगी।
इसके साथ-साथ जीविका, पीआरआई मेंबर, खाद्य आपूर्ति विभाग और विकास मित्र से भी सहयोग लिया जाएगा। सदर प्रखंड में जहां अभियान चलेगा, वहां नगर परिषद के लोग भी सहयोग करेंगे। साथ ही समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति और जनप्रतिनिधियों की भी मदद ली जाएगी।
सरकारी विभाग के लोग एक-एक घर तक पहुंचने का काम करेंगे तो जो सामाजिक प्रतिनिधि होंगे, वे हमें इस अभियान को लोगों से जोड़ने में मदद करेंगे। इन सभी विभाग के लोगों से बातचीत चल रही है। सभी लोगों ने इसके लिए हामी भरी है। इसके साथ-साथ केयर इंडिया और पीसीआई के लोग भी अभियान को सफल बनाने में लगे हुए हैं।
डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका प्रकोप बढ़ जाने के बाद कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह साफ सफाई करनी चाहिए।
इन लोगों को खिलाई जाएगी दवा
प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि अभियान के दौरान दो से पांच साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की एक गोली खिलाई जाएगी। छह से 14 साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की दो गोली खिलाई जाएगी।
15 साल या इससे ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की तीन गोली खिलाई जाएगी। इसके अलावा दो साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलाई जाएगी। अभियान के दौरान इन बातों का ध्यान रखा जाना है।