भागलपुर। रविवार को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग व बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के संयुक्त दल ने शहर के इंजीनियरिंग कॉलेज से लेकर कहलगांव तक गंगा नदी के नजारे को देखा। इस दौरान तीन साल बाद फिर डाल्फिन रिजर्व में कामन शेल्डक (चकवा पक्षी) देखा गया। इससे पहले टीम के सदस्यों ने साल 2020 में देखा था। टीम में शामिल पक्षी प्रेमी व प्रकृति संरक्षकों ने पक्षियों के अध्ययन में पाया कि बीते एक साल में गांगेय डाल्फिन रिजर्व में पक्षियों की वेरायटी ज्यादा संख्या में देखी जा रही है। हालांकि कुल पक्षियों की संख्या में कमी आयी है। इस दौरान जहां प्रवासी पक्षियों में रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, पिनटेल डक, हेडेड गूज या राजहंस, गडवाल डक, लेसर विसलिंग डक, छोटी सिल्ही, फुलवॉस विसलिंग डक या बड़ी सिल्ही, रूडी शेल्डक बड़ी संख्या में देखे गये
डॉल्फिन रिजर्व में ये पक्षी बहुतायत संख्या में दिखे
बूटेड ईगल, ऑस्प्रे या मछरंगा, पैरेग्रिन फाल्कन, मार्श हैरियर, ब्लैक काईट, कॉमन इंडियन प्रतिनकोल, सैंड लार्क, टेमिंक्स स्टिंट, लिटिल स्टिंट, कॉमन सैंडपाइपर, मार्श सैंडपाइपर, ग्रीन सैंडपाइपर, डस्की क्रेग मार्टिन, बॉर्न स्वैलो। जबकि स्थानीय पक्षियों में इस बार गंगा में लिटिल कार्मोरेंट, लार्ज कार्मोरेंट, लिटिल इग्रेट, रिवर लैपविंग, रेड वॉटल्ड लैपविंग, इंटरमीडिएट इग्रेट, कॉमन क्रो, जंगल क्रो, व्हाइट वैगटेल, ग्रे वैगटेल, ग्रे हेरोन, एशियन ओपनबिल स्टार्क, वूली नेक्ड स्टार्क, बड़ा गरुड़, छोटा गरुड़, रेड नेप्ड आइबिस, व्हाइट आइबिस, लिटिल रिंग्ड प्लोवर, पाइड किंगफिशर, व्हाइट ब्रेस्टेड किंगफिशर इत्यादि पक्षी बहुतायत में दिखे।
टीम में ये लोग रहे शामिल
राहुल रोहिताश्व, विक्रमजीत सिंह, बर्ड गाइड मो. रिज़वान, संतोष कुमार साहनी, गंगा प्रहरी गौरव सिन्हा, रिसर्च स्कॉलर जय कुमार, फॉरेस्टर मिनी झा, फॉरेस्ट गार्ड प्रमोद साह, डॉल्फिन मित्र योगेंद्र महलदार, संतोष कुमार झा।