विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला भले ही दो वर्षों के बाद इस वर्ष 14 जुलाई से प्रारंभ होने जा रही है, लेकिन अजगैवीनाथ मठ पर लगने वाली 108 फीट ऊंची धनुधर शिव की प्रतिमा अब तक नहीं लग पाई। अजगैबीनाथ मठ पर इस वर्ष भी कांवरियों को 108 फीट ऊंची धनुधरशिव प्रतिमा के बजाए साढ़े छः फीट के धनुधर शिव प्रतिमा के दर्शन होंगे। 108 फीट ऊंची धनुधर शिव प्रतिमा यहां बनाए जाने की योजना थी। इसके लिए सैंपल के तौर पर पहले यहां धनुधर शिव की तस्वीर लगाई गई। इसके बाद साढ़े छह फीट की प्रतिमा लगाई गई। मंदिर में तैनात स्थानापति महंत प्रेमानंद गिरि ने इस प्रतिमा को आकर्षक रूप से सजाकर शीशे के अंदर मंदिर के दृष्टिगोचर स्थान पर लगवा रखा है। इससे दूर से ही श्रद्धालुओं की नजर इस प्रतिमा पर पड़ जाए । यह प्रतिमा यहां आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
विदित हो बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद की तत्कालीन प्रशासक आचार्य किशोर कुणाल ने वर्ष 2008 में अजगैबीनाथ मंदिर पर कहा था कि अजगैवीनाथ मंदिर एवं पार्वती मंदिर के बीच 43 फीट के प्लेटफार्म पर 108 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी। इस तरह इसकी ऊंचाई 151 फीट हो जाएगी। प्लेटफार्म निर्माण के लिए जमीन की जांच भी कराई गई, लेकिन अब तक न तो प्लेटफार्म बना और ना ही 108 फीट ऊंची प्रतिमा लग पाई। स्थानापति महंत प्रेमानंद गिरि कहते हैं बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के तत्कालीन प्रशासक आचार्य किशोर कुणाल की योजना थी। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की ये योजना नहीं थी। उपलब्ध साढ़े छह फीट की धनुधर शिव प्रतिमा दृष्टिगोचर स्थान पर लगा रखा हुं। श्रद्धालु लगे प्रतिमा का दर्शन कर रहे हैं।