रेशम विभाग की बुनियाद रीलिंग मशीन को सीखाने वाले 15 प्रशिक्षक शुक्रवार को मिल गये हैं। पिछले तीन सालों से रेशम विभाग राज्य में बुनियाद रीलिंग मशीन तो बांट रहा था लेकिन उसे सीखाने वाले मास्टर ट्रेनर एक भी नहीं थे। अब सेंट्रल सिल्क बोर्ड द्वारा इन प्रशिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। रेशम भवन में 27 जून से लेकर आठ जुलाई तक बुनियाद रिलिंग मशीन का प्रशिक्षण दिया गया।
मास्टर ट्रेनरों को सेंट्रल सिल्क बोर्ड के फील्ड सहायक निमई वैध व निरंजन कुमार निराला, मास्टर टेक्नीशियन तौसिफ रजा, मो. शाहनवाज व मो. इम्तियाज ने प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम के संयोजक शशि श्रीवास्तव ने बताया कि सेंट्रल सिल्क बोर्ड ने प्रियंका श्रीवास्तव, चांदनी कुमारी, फुरकान अंसारी, सदब इजहार, रत्ना, देवयानी, भावना कुमारी, रानी स्वर्णकार, मो. नियाज, मो. एय्याज अंसारी, मो. शाकिब अंसारी, मो. नौशाद अंसारी, शोएब अंसारी, बी. सोवेबा, मो. शमीम को मास्टर ट्रेनर बनाया है। राज्य में अभी मात्र तीन प्रशिक्षक सेंट्रल सिल्क बोर्ड के पास ही है। पहले रेशम विभाग, बिहार के पास एक भी प्रशिक्षक नहीं थे। अब 15 प्रशिक्षक मिल गये हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में 2017 से बुनियाद मशीन का वितरण हो रहा है लेकिन इसे सीखाने वालों की कमी थी। अब इनलोगों को हाल में नवादा व नालंदा भेजा जायेगा। इसके बाद जहां-जहां बुनियाद रीलिंग मशीन का वितरण हुआ है वहां-वहां मास्टर ट्रेनरों को भेजा जायेगा।
दो सप्ताह के अंदर मिलेगा प्रमाण-पत्र
समापन समारोह के मुख्य अतिथि जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि सभी मास्टर ट्रेनर हुनरमंद हैं। इनकी देखरेख में भागलपुर की विभिन्न महिलाओं को रीलिंग मशीन सिखायी जायेगी। इनके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इनलोगों का प्रमाण-पत्र सेंट्रल सिल्क बोर्ड, बेंगलुरु से दो सप्ताह के अंदर आ जायेगा। इसके बाद रेशम भवन में एक समारोह में वितरण किया जायेगा।