नाथनगर , थाना क्षेत्र स्थित बाबा मनसकामनानाथ मंदिर में सावन की पहली सोमवारी को करीब 25 हजार श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ को जलार्पण किया। मंदिर का मुख्य दरवाजा भक्तों की भीड़ को देखते हुए रात तीन बजे ही खोल दिया गया था। वहीं भक्तों द्वारा बोलबम के नारे व ओम नमः शिवाय के जयकारे से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान था। भक्त अलग-अलग तरीके से भगवान भोलेनाथ की पूजा करते नजर आए। कोई बोलबम के नारे, तो कोई मंदिर प्रांगण में अलग-अलग टोली बनाकर भजन कीर्तन करते दिखे। इस दौरान पुलिस प्रशासन के लोग भी मुस्तैदी से तैनात दिखे। मंदिर के पंडित माना शुक्ला ने बताया कि सावन की सोमवारी का अलग महत्व होता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर सबों की सारी मनोकामनाएं को पूर्ण करते हैं। आज के दिन जो भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं, उन्हें निश्चित रूप से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
कुंवारी कन्या सोमवारी पर रखती हैं उपवास
मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए विशेषकर कुंवारी कन्याएं सावन की सोमवारी पर उपवास रखती हैं। ऐसा मानना है कि सावन में भगवान भोलेनाथ सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। अच्छे जीवन व अपने सुहाग की दीर्घायु व रक्षा के लिए महिलाओं को विशेष रूप से पूजा अर्चना करते देखा गया। सोमवारी के दिन पूरा मंदिर प्रांगण भक्तों की भीड़ से भरा हुआ था।
बेलपत्र व गंगा जल से मंदिर प्रांगण हुआ सराबोर
भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए भक्त हाथ में बेलपत्र व गंगा जल लेकर मंदिर प्रांगण सुबह दो बजे से ही पहुंचने लगे थे। सभी के मुंख से बोलबम का नारा निकल रहा था। हजारों की संख्या में शिवभक्त सुल्तानगंज से गंगाजल भरकर पहली सोमवारी को बाबा मनसकामनानाथ को जल चढ़ाया। इस दौरान कुंवारी कन्याओं को भगवान भोलेनाथ की सवारी बसहा नंदी के कानों में मनोकामना कहते दिखी।