इस साल श्रावणी मेला में मौसम के हिसाब से गुरुवार का दिन कांवरियों के लिए बेहतर रहा। आसमान में छाये बादल और बीच-बीच में होती रही झमाझम बारिश से कांवरियों के हौसले बुंलद दिखे। बारिश में कांवरियों के बोल बम के नारों से पूरा मेला परिसर दिनभर गूंजता रहा। खुशनूमा मौसम मिला तो कांवरियों की संख्या भी बढ़ी। गुरुवार को 65058 हजार से अधिक कांवरिये सुल्तानगंज से देवघर के लिए रवाना हुए। सुल्तानगंज मेला क्षेत्र गुरुवार को केसरियामय हो गया था। कांवरियों में उत्साह देखते ही बन रहा था।
सुल्तानगंज में जल भरकर देवघर जाने वालों में हजारों कांवरिये ऐसे थे, जो दूसरी सोमवारी को जल चढ़ायेंगे। इसे लेकर नमामि गंगे घाट (जहाज घाट) में दिनभर कांवरियों की भीड़ लगी रही। सीढ़ी घाट से भी कांवरिये जल लेकर देवघर के लिए रवाना हुए। गोरखपुर से आए अमित पांडेय, गोलू पासवान, विकास पासवान और विशाल पासवान ने बताया कि वह सोमवार को बाबा को जल चढ़ायेंगे। अगर पहले देवघर पहुंच गये तो रात में कहीं रुक जायेंगे। कांवरियों के लिए आज का मौसम बहुत अच्छा है। सहरसा के राजीव कुमार और रूसेन्द्र कुमार ने बताया कि 12 लोगों के साथ देवघर जा रहे हैं। दूसरी सोमवारी को जल चढ़ाना है। कोलकाता से पंकज और रामसूरत रॉय ने बताया कि सुल्तानगंज में रात्रि विश्राम का कार्यक्रम था, लेकिन मौसम को देखते हुए खुशी हुई और गुरुवार को ही जल भरकर देवघर के लिए रवाना हो गये। कहा कि श्रावणी मेला में कष्ट भी मिलता है तो भगवान का प्रसाद समझते हैं। हालांकि बारिश के चलते कांवरिया पथ में चलने में आराम मिल रहा है। भगवान करे कि तीन-चार दिन इसी तरह का मौसम मिले। असम के नागोर से आए चंचल दास और गणेश दास ने बताया कि 60 लोगों की टीम के साथ देवघर जा रहे हैं। सोमवार से बांग्ला सावन के प्रवेश के बाद कांवरियों की भीड़ बढ़ गयी है। हर साल गांव के लोग देवघर जाते हैं। सावन आते ही बाबा का दर्शन करने का दिल करने लगता है। मेला में व्यवस्था की गयी है। कुछ कमियां भी हैं, लेकिन कांवरियों को इससे कुछ लेना-देना नहीं है। मारवाड़ी युवा मंच के प्रवक्ता सुनील रामुका ने कहा कि दूसरे राज्यों से आए कई कांवरियों ने शुक्रवार को जाने की योजना बनायी थी, लेकिन लगातार हो रही बारिश और अच्छे मौसम को देख सभी गुरुवार को ही देवघर के लिए रवाना हो गये। दुकानदारों ने बताया कि सबसे अधिक भीड़ आज देखने को मिल रही है। दोपहर में कांवरियों की संख्या काफी कम हो जाती थी, लेकिन गुरुवार को सुबह से कांवरियों का तांता लगा हुआ है।