प्री बिड मीटिंग में एजेंसियों ने सैंडिस में इंट्री पर शुल्क लेने की वकालत की

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सैंडिस कंपाउंड में स्मार्ट सिटी योजना से विकसित सुविधाएं जल्द ही आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएंगे। इसके संचालन के लिए ई-ऑक्सन की प्रक्रिया चल रही है। टेंडर कर दिया गया है। बुधवार को नगर आयुक्त डा. योगेश कुमार सागर की मौजूदगी में इसके लिए प्री बिड मीटिंग हुई। इसमें तीन अलग-अलग एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। उन एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने निगम प्रशासन को सुझाव दिया कि मेन गेट पर एंट्री फीस भी रखा जाए, ताकि शुरुआत से ही राजस्व प्राप्ति हो आपैर उसका मेंटेनेंस ठीक से हो सके। एजेंसियों की ओर से यह भी कहा गया कि ज्यादा लंबा इंवेस्टमेंट होगा, इसलिए तीन साल की जगह पांच साल का करार किया जाए। एजेंसियों के सभी सुझावों को प्रस्ताव में शामिल कर लिया गया है। अब इसे वरीय अधिकारियों के साथ बैठक में विचार-विमर्श के बाद तय किया जाएगा। वहीं बैठक के बाद एजेंसियों के प्रतिनिधियों को सैंडिस कंपाउंड, मायागंज अस्पताल के सामने बने नाइट शेल्टर व अन्य स्थानों का स्थल निरीक्षण भी कराया गया। बैठक में स्मार्ट सिटी के सीजीएम संदीप कुमार, टेक्निकल मैनेजर मुकुल कुमार सिंह, सिटी मैनेजर रवीश चंद्र वर्मा आदि मौजूद रहे। बता दें कि सैंडिस कंपाउंड में पार्किंग, किड्स प्ले एरिया, क्लीवलैंड मेमोरियल, कैफेटेरिया, ओपेन एयर थियेटर आदि के लिए पूर्व में शुल्क निर्धारित किया गया था। यह तय किया गया था कि सैंडिस कंपाउंड में इंट्री के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। मुख्य कैफेटेरिया के अलावा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और स्टेशन क्लब में भी मिनी कैंटीन संचालित किया जाएगा। यह काम भी वही एजेंसी करेगी जो सैंडिस कंपाउंड के ई-ऑक्सन में चयनित होगी।

ये सुझाव एजेंसियों ने दिए-

टेंडर में तीन साल का ही करार है, इसे पांच साल तक किया जाए

बैंक गारंटी को लिक्विड पुार्म या कैश में लेने की व्यवस्था की जाए

सैंडिस कंपाउंड के मेन गेट पर ही एंट्री फीस लेने की व्यवस्था रहे

एजेंसियों का सालाना टर्न ओवर 20 लाख रुपए से ज्यादा किया जाए

कला, शिक्षा व अन्य तरह के प्रदर्शनी के लिए परमिशन अनिवार्य हो