बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना से किसानों के खेतों में पानी पहुंचना परियोजना उद्घाटन के चार साल बाद भी एक पहेली बनी हुई है। नहर पुल से पानी का रिसाव हो रहा है, जिससे ग्रामीणों में दहशत है।
अधूरे पड़े गंगा पंप नहर परियोजना का उद्घाटन 15 फरवरी 2018 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था। चार साल के बाद करीब एक पखवाड़े से प्रतिदिन एक पंप से मुख्य नहर में 63 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। मंगलवार को दो पंप से पानी का उठाव कर 126 क्यूसेक नहर में छोड़ा गया। नहर में पानी के लेबल में वृद्धि होने के साथ ही लालापुर गांव के समीप बने नहर पुल से प्रतिदिन हो रही पानी का रिसाव तेजी से होने लगा। ऐसे में ग्रामीण पुल की दीवार टूटने आशंका से डर गए। ग्रामीण बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना के कार्यालय में जाकर पानी के रिसाव की सूचना दी। चल रहे दो मोटरों में एक मोटर को बंद करा दिया गया।
इस संदर्भ में कार्यपालक अभियंता राजीव सिंह ने बताया कि मुख्य नहर में मंगलवार को 126 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पुल के ज्वाइंट एक्सटेंशन से पानी का हल्का का रिसाव हो रहा है। पानी की मांग में कमी होने पर मरम्मती कार्य किया जाएगा। बताया कि वर्तमान में कुशापुर लघु नहर में 63 क्यूसेक प्रतिदिन पानी छोड़ा जा रहा है। जिसने कुमरशाही, औरंगाबाद, भुसका, ब्रह्मचारी आदि गांव के लोग लाभान्वित हो रहे हैं।