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आपनो कर्ण राजा के भूमी पे रहबेॅ, अंग परदेश में बसबेॅ -2
हमरा नैय चाहीयौ चारों धाम, अंग परदेश में बसबेॅ-2
साग भात दूयै रोटी भौरे सांझ खैयबे ,अंग परदेस में बसबेॅ-2
हमरा नैय चाहीयौ सुख आराम , अंग परदेश में बसबेॅ-2
जोना विधि रखबो भैया उन्हें विधि रहबेॅ, अंग परदेश में बसबेॅ-2
राम राम रटबेॅ आठो याम,अंग परदेश में बसबेॅ-2!
– अर्पिता चौधरी