कारुदास | Karudas – Angika Books – हीरा प्रसाद हरेन्द्र | Heera Prasad Harendra
हरेंद्र व्यंग्य वाण | Harendra Vyangya Vaan – Angika Books – हीरा प्रसाद हरेन्द्र | Heera Prasad Harendra
गुलसितां | Gulsitan – Angika Book – Heera Prasad Harendra
भावांजलि | Bhavanjali – Angika Book – Heera Prasad Harendra
बाबा अनंतदास | Baba Anantdas – Angika Book – Heera Prasad Harendra
राधा कृष्ण चौधरी | Radha Krishna Choudhary
Professor Radha Krishna Choudhary (15 February 1921 – 15 March 1985) was an Indian historian, thinker, and writer. He contributed to the historical and archaeological studies of Bihar as well as to literature. He published numerous original researches on the history of Bihar and was acclaimed as a researcher. He was a professor at Ganesh Dutt College, Begusarai, Bihar and was a noted educationist. His languages of choice for academic works were Hindi and English.
/*! elementor - v3.7.2 - 21-08-2022 */ .elementor-widget-image{text-align:center}.elementor-widget-image a{display:inline-block}.elementor-widget-image a img[src$=".svg"]{width:48px}.elementor-widget-image img{vertical-align:middle;display:inline-block} Choudhary at Deoghar, Bihar, 1965 Born 15 January 1921 Died 15 March 1985 (aged 64) Occupation Writer, historian, educationist Nationality Indian Period 20th centuryMajor works
Political History…
राम शरण शर्मा | Ram Sharan Sharma
Ram Sharan Sharma (26 November 1919 – 20 August 2011) was an Indian Marxist historian and Indologist who specialised in the history of Ancient and early Medieval India. He taught at Patna University and Delhi University (1973–85) and was visiting faculty at University of Toronto (1965–1966). He also was a senior fellow at the School of Oriental and African Studies, University of London. He was a University Grants Commission National Fellow (1958–81) and the president of Indian History Congress in 1975. It was during his tenure as the dean of Delhi University's History Department that major expansion of the department took place in the 1970s. The creation of most of the positions in the department were the results of his efforts. He was the founding Chairman of the Indian Council of Historical Research (ICHR) and a historian of international repute.
/*! elementor - v3.7.2 - 21-08-2022 */ .elementor-widget-image{text-align:center}.elementor-widget-image a{display:inli…बेगुसराय के पुरातात्विक स्थल | Archaeological Sites of Begusarai
AUOTHOURA DIHChandorBhagwanpur30KM North West from Begusarai district headquartersMound - 100m x 150m x 1mRed ware , NBP, Black Ware, Black slipped, Black polished potteryWater Jar, Dish, Cookware, Bowl, vessels.
AGAPUR TAKIYAMansurchak38 KM North West from Begusarai district headquartersMoundCultivation/ Residential Building on the mound300m x 100m x 1mRed Ware, Red slipped ware, Dish, Cooking Vessel.
/*! elementor - v3.20.0 - 20-03-2024 */ .elementor-widget-divider{--divider-border-style:none;--divider-border-width:1px;--divider-color:#0c0d0e;--divider-icon-size:20px;--divider-element-spacing:10px;--divider-pattern-height:24px;--divider-pattern-size:20px;--divider-pattern-url:none;--divider-pattern-repeat:repeat-x}.elementor-widget-divider .elementor-divider{display:flex}.elementor-widget-divider .elementor-divider__text{font-size:15px;line-height:1;max-width:…राधे श्याम मंदिर – उलाओ, बेगूसराय | Radheshyam Temple, Ulao, Begusarai
Made by Shyam Kumari (Ulao estate) in 1857, Radheshyam temple is situated 5 km west of Begusarai town on National Highway 31 at a place called Ulao. This temple is more than a century old. It is embellished with exquisite murals of rich Rajasthani Shekhawati Art of painting. This temple attracts maximum number of devotees from all over India. They are seen chanting the devotional numbers dedicated to Lord Krishna.
/*! elementor - v3.20.0 - 20-03-2024 */ .elementor-widget-image{text-align:center}.elementor-widget-image a{display:inline-block}.elementor-widget-image a img[src$=".svg"]{width:48px}.elementor-widget-image img{vertical-align:middle;display:inline-block} Radheshyam Temple, Ulao, Begusarai /*! elementor - v3.20.0 - 20-03-2024 */ .elementor-widget-divider{--divider-border-style:none;--divider-border-width:1px;--divider-color:#0c0d0e;--divider-icon-size:20px;--divider-element-spacing:10px;--divider-pat…ऋषि गौतम धाम, खम्हार, बेगूसराय | Rishi Gautam Dham, Khamhar, Begusarai
बिहार राज्य के बेगूसराय जिला मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर खम्हार ग्राम स्थित गौतम धाम है। गौतम वंशियो के सहयोग से सर्व जन हिताय-सर्व जन सुखाय स्थापित यह धाम बेगूसराय रोसड़ा राज्य पथ एस एच 55 पर स्थित हिंदुओं का एक महान् तीर्थ नगरी एवं सांस्कृतिक स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। उत्तरी बिहार की विरासत की पवित्र भूमि और गौतम गोत्रीय समाज की अवधारणा को जनमानस के बीच उजागर करने में यह स्थल अवश्य ही अग्रणी भूमिका निभाएगा। पर्यटन की दृष्टि से यह स्थान बिहार के गौरव में चार चाॕद लगा रहा है| समग्र विश्व को न्याय दर्शन देने वाले अक्षपाद महर्षि गौतम के सम्मान में निर्मित महर्षि गौतम न्याय मंदिर में धार्मिक ,आध्यात्मिक, सांस्कृतिक ,विरासत को सहेजने और आलोकित करते रहने के लिए महर्षि गौतम और माता अहल्या की भव्य प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठित हैं ।
महापुरुषों के अलावे प्राचीन भारत के महान् मार्गदर्शक मनीषियों, ऋषियों, मुनियों की भव्य तस्वीर चतुर्दिक प्रदर्शित हैं। लोक आस्था और नैतिकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए श्री रामभक्त हनुमान जी की माता अंजना माई और उनकी गोद में प्यारे दुलारे…
बुतरु – अंगिका ग़ज़ल – किसलय कोमल | Butru – Angika Ghazal – Kislay Komal
बुतरू कs, पढाय देलकै, बड़ा बनाय देलकै।जिनगी आपनो, इहै मs पूरा, बिताय देलकै।।
जे कमाइने छेलै, लगी-हारी कs, दिन-रात।सब्भै, बुतरू के ममता मs, लुटाय देलकै।।
हमरs नुनू , सब्भै संs छै, दू फलांग आगू।जाने, भगमान, कोन पुन्य के, फsल देलकै।।
बड़ा होय, बुतरू, करतै, बुढ़ाढ़ी मs सेवा।इहै सोची-सोची, जवानी, बुढ़ाय देलकै।।
कत्तो कहै, लोग सिनी, होकरा बारे मेँs।बात, दुनो जीव, हवा में, उड़ाय देलकै।।
बड़ा होथैं, जानें की होलै, भूली गेलै हमरा।आरो, सब लगाव भी, गंगा मs, बहाय देलकै।।
टुकुर-टुकुर ताकै, दिनभर, द्वारी दन्ने।बेरा डुबथैंह, पल्ला, भिडकाय देलकै।।
कमाय के इन्हीं, की देथौं, माय बाप कs।उलटा, पेंशन पs नज़र, गराय देलकै ।।
भाँगलो देहs मs, जान, कैंहैं अखनिहों छै।इहे जानै, बुतरु, ऐला दिन, फ़ोन घुमाय देलकै।।
~ किसलय "कोमल"
दिनांक : १३-दिसंबर-२०२३
अनूप लाल मंडल | Anup Lal Mandal
स्व. अनूप लाल मंडल बिहार के एक प्रसिद्ध उपन्यासकार थे, जो नाटक, गद्य और कहानी लेखन में भी अपनी दक्षता का प्रदर्शन किया था। उनकी कहानियों और उपन्यासों में आम जनता के मुद्दों, सामाजिक समस्याओं और मनोवैज्ञानिक विषयों को विस्तृत रूप से व्यक्त किया गया है।
समेली' (मोहल्ला- चकला मोलानगर) शब्द 'मानस-स्क्रीन' पर आते ही एकमात्र नाम बड़ी ईमानदारी से उभरता है, वह है- "अनूपलाल मंडल" (जन्म- माँ दुर्गा की छठी पूजा के दिन, 1896; मृत्यु- 22 सितंबर 1982)। 'परिषद पत्रिका' (वर्ष-35, अंक- 1-4) ने अनूपजी के जीवन-कालानुक्रम को प्रकाशित की है, इस शोध-पत्रिका के अनुसार-- आरम्भिक शिक्षा चकला-मोलानागर में ही । मात्र 10 वर्ष की अवस्था में प्रथम शादी, पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी 16 वर्ष की आयु में सुधा से । तीसरी शादी 27 वर्ष की उम्र में मूर्ति देवी से । सन 1911 में गाँव के उसी विद्यालय में प्रधानाध्यापक नियुक्त, जहाँ उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण किये थे । बाद में शिक्षक-प्रशिक्षण 1914 में सब्दलपुर (पूर्णिया) से प्राप्त किये । प्राथमिक और मध्य विद्यालयों से होते हुए 1922 में बे…
अमृतदेश अंगप्रदेश | Amritdesh Angpradesh – डॉ. अमरेंद्र | Dr. Amarendra – Angika Book
अर्पिता चौधरी – Arpita Choudhary
अर्पिता चौधरी अंगिका भाषा की एक उभरती हुई गायिका और रचनाकार हैं | उनकी गायकी बहुत ही मधुर और दिल को छू लेने वाली है. उन्होंने कई विषयों पर गाने और गीत गाये हैं, जिनमें से कई विवाह गीत, छठ पूजा गीत और अंगिका एवं अंग क्षेत्र की संस्कृति के ऊपर गाये गीत हैं| वो कई बार अपने गीत खुद ही लिखती हैं | अर्पिता चौधरी अंगदेश.कॉम से भी जुडी हुई हैं।
/*! elementor - v3.20.0 - 20-03-2024 */ .elementor-widget-divider{--divider-border-style:none;--divider-border-width:1px;--divider-color:#0c0d0e;--divider-icon-size:20px;--divider-element-spacing:10px;--divider-pattern-height:24px;--divider-pattern-size:20px;--divider-pattern-url:none;--divider-pattern-repeat:repeat-x}.elementor-widget-divider .elementor-divider{display:flex}.elementor-widget-divider .elementor-divider__text{font-size:15px;line-height:1;max-width:95%}.elementor-widget-divider .elementor-divider__element{margin:0 var(--divider-element-spacing);flex-shrink:0}.elementor-widget-divider .elementor-icon{font-size:var(--div…प्रतियोगिता परीक्षा में अंगिका भाषा को शामिल करें
प्रतियोगिता परीक्षा में अंगिका भाषा को शामिल किये जाने को लेकर दायर किये गए रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने राज्य सर्कार से जवाब तलब किया है|
बाल विवाह – अंगिका कविता – हीरा प्रसाद ‘हरेन्द्र – Baal Vivaah – Angika Poem – Heera Prasad Harendra
हरदम तोरा बुझाबै छिहों, भैया बात सुनो नै डर | जैहों गलती हम्में करलहों , वैहों गलती तोंय नै कर ||
हमरा बापें कहै पढ़ी ले, काम काज कुछ करिहैं तोयं | जुआ पचीसी खेली खेली, धन संपत्ति नै हारिहैं तोयं ||
नै राखलौन समझैलें उनको, झुट्ठे बाप करै चर चर | जैहों गलती हम्में करलहों , वैहों गलती तोंय नै कर ||
हमरा जूती पड़लै देखी, गोस्सा बापो के बरलै | जल्दी बीहा शादी करैके, भूते माथा पर चढ़लै ||
बात मनों के होतो देखि, कथी ल करथों टर टर टर | जैहों गलती हम्में करलहों , वैहों गलती तोंय नै कर ||
चौदह बरस जखैनिए होलै, हो गेलै हमरो शादी | चार महीना में ही गौना, शुरू होलै तब बरबादी ||
पांच बरस में छो ठो बुतरू, कोय पीठी कोय कांखी तर | जैहों गलती हम्में करलहों, वैहों गलती तोंय नै कर ||
ऐना , टिकुली, पावडर लेली, खिच खिच रोजे होतैं छै | गुस्सा सं जे बात बोलै छी, हाथ लोर से धोथैं छै ||
मुहं के मुस्कान मिटैले, बातों में कांपे थर थर | जैहों गलती हम्में करलहों , वैहों गलती तोंय नै कर ||
महंगाई के आलम में…