अंग लोकसंस्कृति कोष | Ang Loksanskriti Kosh – डॉ. अमरेंद्र | Dr. Amarendra – Angika Books
अंगिका व्याकरण आरो रचना कला | Angika Vyakaran Aaro Rachna Kala – डॉ. अमरेंद्र | Dr. Amarendra – Angika Books
अंगिका लोकसाहित्य और मञ्जूषा कला | Angika Loksahitya Aur Manjusha Kala – डॉ. अमरेंद्र | Dr. Amarendra – Angika Books
शहीद बैजू मंडल | Shaheed Baju Mandal – Angika Books – सुधीर कुमार प्रोग्रामर | Sudheer Kumar Programmer
हुलास | Hulaas – Angika Books – सुधीर कुमार प्रोग्रामर | Sudheer Kumar Programmer
धरती के फूल | Dharti Ke Phool – Angika Books – सुधीर कुमार प्रोग्रामर | Sudheer Kumar Programmer
अंगजल | Angjal – Angika Books – सुधीर कुमार प्रोग्रामर | Sudheer Kumar Programmer
स्वाबलंबी बालिकाएं | Swablambi Balikayen – Angika Books – हीरा प्रसाद हरेन्द्र | Heera Prasad Harendra
श्री रामागमन | Shree Ramagaman – Angika Books – रसिक लाल महतो | Rasik Lal Mahto
शम्बूक | Shmabook – Angika Books – हीरा प्रसाद हरेन्द्र | Heera Prasad Harendra
महर्षि मेही | Maharshi Mehi – Angika Books – हीरा प्रसाद हरेन्द्र | Heera Prasad Harendra
लौहपुरुष पटेल | Lauhpurush Patel – Angika Books – हीरा प्रसाद हरेन्द्र | Heera Prasad Harendra
कारुदास | Karudas – Angika Books – हीरा प्रसाद हरेन्द्र | Heera Prasad Harendra
हरेंद्र व्यंग्य वाण | Harendra Vyangya Vaan – Angika Books – हीरा प्रसाद हरेन्द्र | Heera Prasad Harendra
गुलसितां | Gulsitan – Angika Book – Heera Prasad Harendra
भावांजलि | Bhavanjali – Angika Book – Heera Prasad Harendra
बाबा अनंतदास | Baba Anantdas – Angika Book – Heera Prasad Harendra
अनूप लाल मंडल | Anup Lal Mandal
स्व. अनूप लाल मंडल बिहार के एक प्रसिद्ध उपन्यासकार थे, जो नाटक, गद्य और कहानी लेखन में भी अपनी दक्षता का प्रदर्शन किया था। उनकी कहानियों और उपन्यासों में आम जनता के मुद्दों, सामाजिक समस्याओं और मनोवैज्ञानिक विषयों को विस्तृत रूप से व्यक्त किया गया है।
समेली' (मोहल्ला- चकला मोलानगर) शब्द 'मानस-स्क्रीन' पर आते ही एकमात्र नाम बड़ी ईमानदारी से उभरता है, वह है- "अनूपलाल मंडल" (जन्म- माँ दुर्गा की छठी पूजा के दिन, 1896; मृत्यु- 22 सितंबर 1982)। 'परिषद पत्रिका' (वर्ष-35, अंक- 1-4) ने अनूपजी के जीवन-कालानुक्रम को प्रकाशित की है, इस शोध-पत्रिका के अनुसार-- आरम्भिक शिक्षा चकला-मोलानागर में ही । मात्र 10 वर्ष की अवस्था में प्रथम शादी, पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी 16 वर्ष की आयु में सुधा से । तीसरी शादी 27 वर्ष की उम्र में मूर्ति देवी से । सन 1911 में गाँव के उसी विद्यालय में प्रधानाध्यापक नियुक्त, जहाँ उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण किये थे । बाद में शिक्षक-प्रशिक्षण 1914 में सब्दलपुर (पूर्णिया) से प्राप्त किये । प्राथमिक और मध्य विद्यालयों से होते हुए 1922 में बे…