महंगाई और बेरोजगारी की लड़ाई में सभी को एक प्लेटफार्म पर आना जरूरी;

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देश में कोई गांधी नहीं है, न डॉ. आम्बेडकर है, न लोहिया है और न जयप्रकाश नारायण। इस वक्त यह अभाव है लेकिन एक अवसर भी है कि हम सामूहिक रूप से एक जरूरी पहल करें। जनता आज जिस परेशानी से जूझ रही है, उसी परेशानी को बताते हुए नरेन्द्र मोदी सत्ता पर काबिज हुए। आज वह उन परेशानियों को और बढ़ा रहे हैं। उक्त बातें ‘महंगाई-बेरोजगारी विरोधी सम्मेलन के आयोजन के मौके पर रविवार को प्रो. योगेन्द्र ने मुस्लिम माइनोरिटी डिग्री कॉलेज के प्रशाल में कही।

कार्यक्रम की शुरुआत ‘वैकल्पिक मोर्चा के संयोजक प्रो. योगेन्द्र के विषय प्रवर्तन से हुई। उन्होंने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि हमें अपने समय की समस्याओं का हल ढूंढ़ने की मुकम्मल कोशिश करनी पड़ेगी। हम सबको एक साथ चलना होगा, छोटे-छोटे मनमुटावों से पार जाना होगा, एक-दूसरे का सम्मान करना होगा, विचारों को समझना होगा और एक और एक जुड़कर ग्यारह होना होगा। जेपी आंदोलन के सिपाही और बनारस से आये अमरनाथ भाई ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज देश गहरे संकट से गुजर रहा है। अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है।

झारखण्ड के मधुपुर से आये घनश्याम ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी आर्थिक और राजनीतिक समस्या है। इसलिए इसका समाधान भी इसी दृष्टि से दीर्घकालिक योजना बनाकर किया जा सकता है। सीतामढ़ी से आयी उषा शर्मा ने अपने वक्तव्य में महंगाई और बेरोजगारी को सबकी समस्या बताते हुए कहा कि इसके समाधान के लिए हमें समाज के सभी हिस्सों से सहयोग चाहिए। बिहपुर से आये वसीम आलम ने अपनी बात रखते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्या के बारे में आज बात होनी शुरू हुई। असल में यह संवाद सत्ता से प्रश्न है। इसे और पहले शुरू होना चाहिए था। इस मौके पर सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यकर्ता उदय, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता रामशरण, डॉ. देवज्योति, ‘वैकल्पिक मोर्चा के युवा संयोजक प्रणव ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर अर्जुन शर्मा, गौतम मल्लाह, रूपेश कुमार, एनुल होदा, प्रकाश चंद्र, मंजर आलम आदि मौजूद थे।