स्मार्ट सिटी में 175 किमी सड़क लेकिन साइकिलिंग ट्रैक एक भी नहीं;

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साइकिल की सवारी सेहत के लिए उपयुक्त मानी जाती है। शुक्रवार यानी 3 जून को विश्व साइकिल दिवस है। दुर्भाग्य यह कि अपने शहर में साइकिल के लिए सड़कें नहीं हैं। शहर को स्मार्ट सिटी का तमगा मिल गया है। कई योजनाओं पर काम भी चल रहा है। इसमें स्मार्ट रोड बनाने की भी योजना है लेकिन 183 करोड़ की इस योजना में साइकिलिंग ट्रैक का प्रावधान नहीं किया गया है। नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी के आंकड़े के अनुसार भागलपुर शहर में कुल 175 किमी सड़क है। इसपर अन्य गाड़ियों के साथ साइकिलें भी चलती हैं लेकिन चलाने वालों को हिचकोले खाने पड़ते हैं। खासकर पिछले दो सालों में शहर की सड़कों की स्थिति बदहाल हो गई है।

विश्व साइकिल दिवस पर देश के अन्य स्मार्ट सिटी में कई आयोजन किए जा रहे हैं। लोगों को दी जा रही सुविधाओं के अनुसार साइकिल से स्कूल, कॉलेज, दफ्तर जाने का संदेश दिया जा रहा है। अपने शहर में स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से इस तरह का न तो कोई आयोजन किया गया है न ही लोगों से अपील की गई है। सैंडिस कंपाउंड में 35 करोड़ की लागत से काम कराया गया लेकिन यहां लोगों की मांग के बावजूद साइकिलिंग ट्रैक नहीं बनाया गया। स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारियों की दलील है कि शहर में सड़कों की चौड़ाई इतनी नहीं है कि साइकिलिंग ट्रैक बनाया जा सके। स्मार्ट सिटी कंपनी के सीजीएम संदीप कुमार बताते हैं कि अभी जिन योजनओं का टेंडर किया गया है उसमें साइकिलिंग ट्रैक का प्रावधान नहीं है। आगे वरीय अधिकारियों के निर्देश पर निर्णय लिए जाएंगे।

शहर में डॉ. वर्षा ने शुरू किया है साइकिल राइडर्स ग्रुप

शहर में हेल्थ फिटनेस के लिहाज से साइकिलिंग को प्रोमोट करने के लिए एक साल पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वर्षा सिन्हा के नेतृत्व में आस्था राइडर्स साइकिलिंग ग्रुप बना है। डॉ. वर्षा बताती हैं कि इस ग्रुप में लगभग 30-35 लोग हैं जो हर दिन चार से पांच किमी और प्रत्येक रविवार को 40 से 50 किमी तक साइकलिंग करते हैं। ग्रुप में शामिल जिजाह हुसैन बताते हैं कि जब से साइकिलिंग शुरू की तब से ब्लड शुगर लेवल नार्मल हो गया। उन्होंने बताया कि शहर में साइकिलिंग ट्रैक नहीं होने के कारण भागलपुर-अमरपुर रोड में साइकिलिंग की जाती है। इसमें थोड़ा डर भी रहता है, क्योंकि गाड़ियां चलती हैं। डॉ. ओबेद अली बताते हैं कि सुरक्षा के लिहाज से साइकिलिंग ग्रुप के आगे पीछे कार चलती है। इस ग्रुप में तथागत प्रियदर्शी, तनुष प्रियदर्शी, राकेश, प्रभाकर, माशहले, अनम अली, अदा अली, जामिन अब्बास, मो. शमशाद, फारूक आजम, वशीम आदि शामिल हैं। ग्रुप में बच्चे हैं तो 70 साल के बुजुर्ग भी शामिल हैं।

शिक्षण संस्थानों में साइकिल की सवारी होनी चाहिए

आईआईटी पटना में पढ़ रही खंजरपुर की अमिशा राजे बताती हैं कि उनके संस्थान में छात्रों को बाइक से कॉलेज आने की अनुमति नहीं है। हॉस्टल दूर है। फिर भी कैंपस में सिर्फ साइकिल की ही अनुमति है। इसी तरह से भागलपुर के शिक्षण संस्थानों में भी व्यवस्था बनायी जानी चाहिए।

डाक्टर बोले

बेस्ट कार्डियेक एक्सरसाइज है साइकिलिंग

डॉ. राजीव सिन्हा बताते हैं कि साइकिलिंग बेस्ट कार्डियेक और एरोबिक एक्सरसाइज है। इससे घुटने की समस्या में भी फायदा होता है। साइकिलिंग करने वालों का वजन नियंत्रित रहता है तो लोग एक आसान चीज से फिट रह सकते हैं। इससे अवसाद से भी बचा जा सकता है। अच्छी नींद आती है।

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है

डॉ. संदीप लाल बताते हैं कि साइकिलिंग करने से अच्छी मात्रा में कैलोरी लॉस होता है। इससे शरीर का प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है। यह हृदय और फेफड़े के लिए अच्छा कसरत है। अगर 10-12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से साइकिल चलाते हैं तो हर घंटे 550 से 600 कैलोरी बर्न होती है।

भागलपुर शहर में 5 हजार से 35 हजार तक की साइकिल

भागलपुर के साइकिल व्यवसायी चरणजीत सिंह बताते हैं कि शहर की दुकानों में 5 हजार से 35 हजार तक की साइकिल उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि कोरोना के समय साइकिल की मांग बढ़ गई थी। युवा स्टाइलिस साइकिल पसंद करते हैं। अब घरों और जिम में रखी जाने वाली साइकलिंग टूल की मांग भी हो रही है। जो लोग बाहर नहीं निकल पाते हैं, घर में ही एक्सरसाइज करते हैं।