कड़ी धूप में पैदल चलकर योजनाओं की जांच करते दिखे अधिकारी;

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महेशखूंट, परबत्ता, बेलदौर(खगड़िया): पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में पदाधिकारियों के द्वारा विभिन्न योजनाओं से संबंधित 13 बिदुओं पर जांच की गई। बुधवार को कड़ी धूप के बीच पंचायतों के लिए नियुक्त जांच अधिकारी पैदल चलकर योजनाओं की जांच करते दिखे। धूप के कारण जहां अधिकारियों को पसीना आ रहा था, तो दूसरी ओर जांच टीम को देख कई जनप्रतिनिधियों के पसीने छूट रहे थे। झिकटिया पंचायत में एडीएम शत्रुंजय मिश्रा ने विभिन्न योजनाओं की जांच की। उन्होंने नल जल योजना, जनवितरण दुकान के साथ आंगनबाड़ी और विद्यालय की जांच की। खामियों को लेकर संबंधित अधिकारी को निर्देश भी देते रहे। महेशखूंट पंचायत में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, गोगरी, मु. शफीक आलम ने जांच की। बन्नी पंचायत की जांच कार्यपालक पदाधिकारी खगड़िया विमल कुमार ने, गौछारी पंचायत की जांच उप समाहर्ता राजन कुमार ने की। अधिकारियों की जांच में कई जविप्र दुकानदार दुकान से गायब भी मिले। जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी।

डीएम के निर्देश पर बुधवार को परबत्ता प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में अधिकारियों द्वारा सरकारी योजनाओं की जांच की गई। प्रखंड के सौढ़ उत्तरी पंचायत में आइसीडीएस डीपीओ सुनीता कुमारी ने सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जांच की। डीपीओ ने कई विद्यालयों के साथ आंगनबाड़ी केंद्र और जन वितरण प्रणाली के दुकानों की जांच की। उन्होंने पंचायत का भ्रमण कर हर घर नल जल योजना की भी जांच की। डीपीओ उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कोरचक्का समेत अन्य विद्यालय पहुंचे। विद्यालयों में उपस्थिति पंजी अपडेट नहीं दिखा। वहीं बच्चों की उपस्थिति भी अच्छी नहीं दिखी। डीपीओ ने बच्चों से सवाल कर शिक्षा के स्तर को भी जांचा। वहीं आंगनबाड़ी केंद्र के निरीक्षण में केंद्र पर साफ-सफाई का अभाव दिखा। जिसे लेकर सेविका को कड़े निर्देश दिए गए। पंचायत में एक जगह आंगनबाड़ी केंद्र एक छोटे से कमरे में चल रहा था। जिसमें कोई व्यवस्था नहीं थी। जिसे देख डीपीओ ने सेविका को उक्त स्थल से केंद्र हटाने का निर्देश दिया। डीपीओ ने हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर भरतखंड का भी निरीक्षण किया। जहां कई कर्मी अनुपस्थित पाए गए। हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में दवाई का भी अभाव दिखा। डीपीओ ने कहा कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।

बंदेहरा पंचायत में बीडीओ अखिलेश कुमार ने सरकारी योजनाओं की जांच की। बीडीओ की जांच के दौरान हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर से बंदेहरा में अधिकांश कर्मी गायब थे। सेंटर में दवाइयां जैसे तैसे रखी हुई थी। बीडीओ ने इस व्यवस्था को देखकर स्वयं इसकी सूचना दूरभाष से तुरंत उच्च अधिकारी को दी। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चे की कम उपस्थिति देखकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने जन वितरण प्रणाली की दुकान समेत अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जांच की। भरसो पंचायत में सीओ अंशु प्रसून ने विभिन्न योजनाओं की जांच की। सीओ ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिती कम थी। जबकि आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 58 पर सहायिका अनुपस्थित थी। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जाएगी। उप निर्वाची पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने लगार पंचायत में योजनाओं की जांच की। माधवपुर पंचायत में प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी आशीष कुमार झा ने जांच की। जांच में विद्यालयों में बच्चों को बीते दो वर्ष से कोरोना के कारण साइकिल, पोशाक राशि नहीं मिलने की

शिकायत सामने आई। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति कम दिखी। उन्होंने कहा जांच रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी।

बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के अलग-अलग पंचायतों में संचालित योजनाओं की गहन जांच की गई। बलैठा पंचायत में बीडीओ सुनील कुमार, तेलिहार पंचायत में गोगरी एसडीओ अमन कुमार सुमन, सकरोहर पंचायत में जिला शिक्षा पदाधिकारी कृष्ण मोहन ठाकुर, पीरनगरा पंचायत में गोगरी डीसीएलआर चंद्र किशोर सिंह व बेला नौवाद पंचायत में सीओ सुबोध कुमार ने मनरेगा, पीडीएस, बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र, मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत गली नली, हर घर नल का जल, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री सड़क योजना से बनी सड़कों समेत अन्य योजनाओं की स्थलीय जांच की। बीडीओ सुनील कुमार ने बताया कि पांच पंचायतों के योजनाओं की जांच की गई है।