भागलपुर की 600 करोड़ की जलापूर्ति योजना पर ग्रहण;

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भागलपुर शहर में लगभग 600 करोड़ की लागत से एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) प्रोजेक्ट पर 10 साल पहले काम शुरू हुआ। योजना अधूरी है और अब इस प्रोजेक्ट से एडीबी ने हाथ भी खींच लिया है। क्योंकि एडीबी का लोन पीरियड पूरा हो गया है। ऐसे में बिहार सरकार ने अब अपने संसाधनों से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का निर्णय लिया है। फिलहाल प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन की जो स्थिति है उसमें ऊहा पोह की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग के लिए बुडको के द्वारा जो इंजीनियरिंग टीम तैनात की गई थी, उसे वापस बुला लिया गया है। अब यह काम कैसे होगा, कौन निगरानी करेगा उसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।बुडको के कार्यपालक अभियंता एसके कर्मवीर ने नगर निगम भागलपुर के कार्यपालक अभियंता को कार्यभार सौंप दिया है। नगर निगम के इंजीनियर पहले से काम के दबाव में हैं। यहां इंजीनियर की काफी कमी है। पिछले दिनों डिप्टी सीएम सह नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद और नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर भागलपुर आए थे, उनके संज्ञान में भी ये बातें दी गई थी। निगम में कार्यपालक अभियंता के अलावा एक सहायक अभियंता हैं। इन्हें नगर निगम की योजनाओं को भी देखना है और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी देखना है। भागलपुर में वाटर प्रोजेक्ट पर 10 साल पहले काम शुरू हुआ। दो फेज में इसके लिए टेंडर किया गया। इतने दिनों में दोनों में से एक भी फेज का काम पूरा नहीं हुआ, जबकि साढ़े पांच साल में ही प्रोजेक्ट पूरा कर हर घर में 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य था।

फेज वन में आधा काम भी नहीं हुआ:

पहले फेज का काम 42 माह में पूरा करना था जो 2019 में पूरा हो जाना था। शहर में कुल 460 किलोमीटर पाइपलाइन बिछानी है। अभी तक मुश्किल से 225 किलोमीटर पाइप बिछायी गई है। इसमें 19 जलमीनार का निर्माण करना है। अभी तक फाइनल स्टेज में तीन ही जलमीनार है। फेज -1 में कांट्रेक्टर कंपनी को शहर में जलापूर्ति व्यवस्था का ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस भी देखना है।

277 करोड़ के फेज टू का काम भी अटका है:

एडीबी वाटर प्रोजेक्ट फेज दो का निर्माण 277 करोड़ की लागत से हो रहा है। इंजीनियरिंग कालेज परिसर में जैक वेल एवं इंटकवेल बनना है। 93 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनना है। दिसंबर तक काम पूरा करना है। 28 किमी मेन पाइपलाइन बिछायी जाएगी। अभी तक इसका एक भी कंपोनेंट पूरा नहीं हुआ है। इंटकवेल बनाने का काम भी रुका हुआ है। क्योंकि वहां आसपास के घरों में दरार आने लगा है।

सड़कों की दुर्दशा हो गई, पानी अब भी सपना:

जलापूर्ति योजना के काम के लिए शहर में मुख्य सड़क से लेकर गली मोहल्ले तक की सड़कें काटी गई है। अभी यह कहना मुश्किल है कि इस योजना से पानी कब मिलेगा। इस बीच जो एजेंसी है वह न तो सड़क की मरम्मत कर रही है न ही व्यवस्थित रूप से काम कर रही है। अप्रैल से काम को देखने वाले कोई अधिकारी भी नहीं हैं। मॉनिटरिंग करने वाली टीम वापस बुला ली गई है।

अधिकारी बोले

भागलपुर में वाटर प्रोजेक्ट का काम चल रहा है और पूरा होगा। राज्य सरकार इस योजना को अपने संसाधनों से पूरा कराएगी। एडीबी का लोन प्रियड खत्म हो गया था। योजना पूरी करायी जाएगी।

धर्मेन्द्र सिंह, एमडी बुडको।