वैल्यू एडेड शोध को बढ़ावा देने की जरूरत;

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टीएमबीयू की पूर्व कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने रिसर्च मेथोडोलॉजी की बेसिक और सारगर्भित जानकारी प्रतिभागियों को दी। उन्होंने साइंटिफिक रिसर्च को अपनाने पर जोर देते कहा कि शोध गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। प्रो. नीलिमा गुप्ता ने रिसर्च मेथोडोलॉजी की बारीकियों से अवगत कराते हुए कहा कि आज वैल्यू एडेड शोध को बढ़ावा देने की जरूरत है।

उन्होंने शोध के विभिन्न प्रकारों, डेटा संग्रहण, कथन समस्या, उपकल्पना, लिटरेचर रिव्यू, शोध की समस्याएं, शोध का महत्व आदि तथ्यों पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने नेशनल एडुकेशन पॉलिसी (एनईपी)-2020 के बारे में भी चर्चा की। वहीं देश के जीडीपी में उच्च शिक्षा के योगदान पर भी अपनी बातें रखीं। प्रो. गुप्ता ने यंग रिसर्च स्कॉलर से नए और सामयिक टॉपिक पर शोध करने को कहा। वह अभी डॉ हरिसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी सागर की कुलपति हैं। वह ‘डिफरेंट ऐसपेक्ट्स ऑफ रिसर्च मेथोडोलॉजी विषय पर सेमिनार में बोल रही थीं।

जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो. फारूक अली ने कहा कि छात्रों को ग्रासरूट पर शोध करना चाहिए। शोधार्थी असफलता से कभी नहीं घबराएं। बल्कि ईमानदार प्रयास से सफलता हासिल की जा सकती है। रिसर्च स्कॉलर भविष्य में एक जिम्मेवार शिक्षक बनें। राष्ट्र और समाज की सेवा समर्पित भाव से करें। व्यवस्थित और तथ्यपरक शोध होने चाहिए।

बीएनएमयू मधेपुरा और टीएमबीयू के पूर्व कुलपति प्रो. अवध किशोर राय ने कहा कि शोध कार्य स्थानीय व क्षेत्रीय समस्याओं पर आधारित हो। टीएमबीयू के पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो. क्षमेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि रिसर्च करने वाले छात्र अपने टॉपिक और गाइड का चयन बहुत सोच-समझकर करें। रिसर्च कार्य पूरी ईमानदारी से करें तभी समाज का भला होगा। डीएसडब्ल्यू प्रो. रामप्रवेश सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान में मेथड्स का बहुत महत्व है। टीएमबीयू के रजिस्ट्रार डॉ निरंजन प्रसाद यादव ने कहा कि समाज के लिए उपयोगी और ज्वलन्त विषय पर ही रिसर्च करें ताकि उस रिसर्च से समाज का भला हो सके।

उद्घाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत पीजी जूलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ठाकुर ने किया। सेमिनार में विषय प्रवेश आयोजन सचिव असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नवोदिता प्रियदर्शिनी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. इकबाल अहमद ने किया। उद्घाटन के मौके पर प्रो. एसपी राय, प्रो. तपन कुमार घोष, सीसीडीसी डॉ केएम सिंह, प्रॉक्टर प्रो. रतन कुमार मंडल, परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर, पीजी होम साइंस की हेड डॉ ममता कुमारी आदि उपस्थित थे।