भागलपुर। अखिल भारतीय कान्यकुब्ज ब्राह्मण विकास मंच की ओर से बूढ़ानाथ मंदिर में गुरुवार को सामूहिक यज्ञोपवीत किया गया। इसमें पांच वर्ष से लेकर 20 वर्ष के 33 बटुकों का उपनयन संस्कार कराया गया। उपनयन कराने के लिए हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, सिक्किम ,उत्तर प्रदेश व बिहार के बटुक शामिल थे। सबसे कम उम्र पांच साल के बटुक में भागलपुर के गोराडीह निवासी आदर्श कुमार थे।
मुख्य आचार्य निश्चित मिश्रा, साधना देवी व नीतीश मिश्रा ने मंत्रों के साथ बटुकों का मुंडन कराया। कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुधाम के पंडित अमित पांडे के वेद मंत्रों से किया। उन्होंने बताया कि हिन्दू धर्म शस्त्रों के अनुसार मनुष्य के 16 संस्कारों में यज्ञोपवीत संस्कार सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है इस संस्कार का मानव जीवन में कई मान्यताएं हैं। जिसमें जनेऊ यानी दूसरा जन्म माना गया है। जनेऊ से आयु, बल, और बुद्धि में वृद्धि होती है होती है। इसके साथ जनेऊ के तीन धागों में नौ लड़ होती है। जनेऊ पहनने से नौ ग्रह प्रसन्न रहते हैं। संस्थापक सदस्य राजीव तिवारी ने बार-बार बुरे स्वप्न आने की स्थिति में जनेऊ धारण करने से ऐसे स्वप्न नह…