कुलकुलिया पंप हाउस का मोटर और स्टार्टर के जलने की वजह से गुरुवार को तीसरे दिन भी शहरी जलापूर्ति पूरी तरह से ठप रही। शहर की 40 हजार की आबादी में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। सुबह उठते ही लोगों को पानी की चिंता सताने लगती है। अन्य कामों को छोड़कर पानी के जुगाड़ में लग जाते हैं। पानी की वजह से लोगों की दिनचर्या बदल गई है। वहीं पानी लेने के लिए हैंडपंपों पर लोगों की भीड़ लग रही है । लोगों को गंगा नदी, चापाकल और बोतलबंद पानी से काम चलाने को मजबूर हैं।
नगर में पेयजल मुहैया कराने की जिम्मेदारी में नगर पंचायत पूरी तरह फेल रही है। जहां एक और लाखों लाख रुपये की नगर पंचायत द्वारा अन्य मदों में खर्च की जा रही है। वहीं जरूरी पेयजल आपूर्ति के लिए स्टैंडबाई के तौर पर मोटर पंप खरीदने में विफल रही है। ऐसे में नगर पंचायत के वार्ड पार्षद समेत जनता में आक्रोश गहराता जा रहा है।
स्थानीय जनप्रतिनिधि पीएचईडी और नगर पंचायत की लापरवाह व्यवस्था की वजह से 15 साल पूर्व बाढ़ कटाव में ध्वस्त हुए शहर के काली घाटी स्थित इंटेकवेल का निर्माण या पुनः कालीघ…