कोइली खुटाहा में रेलवे की जमीन से हटाया गया अतिक्रमण;

भागलपुर-दुमका रेलखंड पर कोइली खुटाहा के पास बुधवार को रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाया गया। रेलवे लाइन के दोनों बगल झुग्गी झोपड़ी और कच्चे मकान बनाकर रह रहे 91 घरों को जेसीबी की मदद से हटाया गया। यह अभियान आरपीएफ इंस्पेक्टर रणधीर कुमार, रेलवे के पीडब्ल्यूआई इंजीनियर केके राय, वरिष्ठ अनुभाग अभियंता कार्य अनिल कुमार के नेतृत्व में चलाया गया। सुरक्षा की दृष्टिकोण से बड़ी संख्या में आरपीएफ के जवान भी मौजूद थे।

अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे के गैंगमैन को लगाया गया था। पिछली दफा गुमटी नंबर तीन के पास अतिक्रमण हटाने के दौरान लोगों ने रेल अधिकारियों पर पथराव कर दिया था। इसलिए इस बार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए यह अभियान आगे भी चलता रहेगा।

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साक्षात्कार टाला तो बंद कराया विश्वविद्यालय;

अतिथि शिक्षकों के लिए 13 जुलाई को होने वाले साक्षात्कार को लगातार दूसरी बार आगे बढ़ाने से नाराज संघर्षशील अतिथि शिक्षक संघ के सदस्यों एवं साक्षात्कार के अभ्यर्थियों ने बुधवार को सभी कर्मचारियों को बाहर निकालकर विवि के प्रशासनिक भवन को बंद करा दिया।

संघर्षशील अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ कपिलदेव मंडल की अगुवाई में बुधवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर के अधिकारियों से मिलने साढ़े 12 बजे विवि प्रशासनिक भवन पहुंचे। लेकिन वहां प्रॉक्टर को छोड़कर कोई अधिकारी उपस्थित नहीं था। अंत में संघ के सदस्यों ने कहा कि जब कोई अधिकारी विश्वविद्यालय मुख्यालय में हैं ही नहीं तो विश्वविद्यालय क्यों खुला है, किसके लिए खुला है। इससे बेहतर है कि विश्वविद्यालय बंद रहे। जब तक विश्वविद्यालय को स्थाई कुलपति नहीं मिल जाए। स्थाई कुलपति के अभाव में विश्वविद्यालय के छात्र शिक्षक और कर्मचारी त्राहिमाम कर रहे हैं।

संघ के अध्यक्ष ने कहा कि अतिथि शिक्षक बहाली हेतु पहले आठ अप्रैल को वेबसाइट पर नोटिस जारी किया गया कि 21 अप्रैल को साक्षात्कार होगा। उसे टाल कर 13 जुलाई से किया ग…

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भागलपुर में ईएसआई हॉस्पिटल के लिए जमीन की तलाश शुरू;

भागलपुर समेत बिहार के दो अन्य जिले मुजफ्फरपुर और बेगूसराय में ईएसआई हॉस्पिटल खोलने के लिए जमीन की तलाश शुरू हो गई है। इसके लिए श्रम संसाधन विभाग ने तीनों जिलों को पत्र भेजकर पांच-पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। जिला प्रशासन ने इसे लेकर अंचलाधिकारियों को पत्र भेजकर जमीन चिह्नित कर बताने को कहा है। ताकि सरकार को रिपोर्ट भेजी जा सके। अपर समाहर्ता शिव कुमार शैव ने बताया कि जुलाई के अंत तक यदि सीओ की रिपोर्ट मिल जाती है तो श्रम संसाधन विभाग को जमीन की विवरणी भेजी जाएगी। उन्होंने सीओ को प्राथमिकता पर इसे करने को कहा है।

बता दें कि जिले में अभी भागलपुर और कहलगांव में कर्मचारी राज्य बीमा निगम की डिस्पेंशनरी चल रही है। जहां ईएसआई के दायरे में आने वाले कर्मचारियों व उनके परिवारवालों का इलाज किया जाता है। चूंकि डिस्पेंशनरी में पूरी सुविधा नहीं होती है। इसलिए यहां आये कर्मचारियों को पर्ची पर पटना रेफर किया जाता है। श्रम अधीक्षक विनोद कुमार प्रसाद ने बताया कि ईएसआई अस्पताल खुलने से 100 बेड की सुविधा होगी। रोजाना 500 मरीजों का यहां इलाज हो सकेगा। अस्पताल के निर्म…

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श्रावणी मेले को लेकर भागलपुर प्रमंडल को मिले 40 डॉक्टर;

श्रावणी मेले के तहत भागलपुर प्रमंडल को राज्य स्वास्थ्य समिति की तरफ से 40 चिकित्सक मिले हैं। हालांकि इनमें से एक ने भी योगदान नहीं दिया है। सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि जब तक ये चिकित्सक योगदान नहीं देते हैं, तब तक वास्तविक रूप से मिले चिकित्सकों की संख्या के बारे में कहा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर 40 चिकित्सकों ने योगदान कर लिया तो इन्हें श्रावणी मेला सुल्तानगंज से लेकर बांका के दुम्मा तक के कांवरिया पथ पर इन्हें तैनात किया जाएगा। पूरी संभावना है कि 40 में से 16 चिकित्सक भागलपुर को तो 26 बांका जिले को मिलेंगे। वहीं जिले को मिले 18 में 12 एंबुलेंस को फिलहाल श्रावणी मेले तक सुल्तानगंज में ही तैनात किया जाएगा। इस बेड़े में एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस से लेकर बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस शामिल हैं। मेला खत्म होने के बाद जो एंबुलेंस जिन-जिन अस्पतालों को आवंटित हैं, सौंप दिया जाएगा।

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सदर अस्पताल में लगा परिवार नियोजन मेला, निकाली गयी रैली;

जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के तहत बुधवार को सदर अस्पताल से जागरूकता रैली निकाली गयी। परिसर में परिवार नियोजन मेले का आयोजन किया गया। सबसे पहले सदर अस्पताल से एएनएम स्कूल की छात्राओं और आशा कार्यकर्ताओं ने बुधवार की सुबह करीब आठ बजे रैली निकाली। रैली बड़ी पोस्ट ऑफिस, घंटाघर चौक, भगत सिंह चौक होते हुए वापस सदर अस्पताल में आकर खत्म हुई। इसके बाद सदर अस्पताल में एएनएम स्कूल की छात्राओं ने नाटक के जरिये लोगों को परिवार नियोजन के उपाय को अपनाने को लेकर जागरूक किया। ओपीडी के बाहर लगे परिवार नियोजन मेले में लोगों की काउंसिलिंग से लेकर परिवार नियोजन को लेकर अस्थायी सामग्री का वितरण भी किया गया।

इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का आगाज 11 जुलाई को ही हो गया है, जो 31 जुलाई तक चलेगा। इसके तहत लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा रहा है। परिवार नियोजन में अस्थायी सामग्री के इस्तेमाल के फायदे के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही अगर किसी के मन में अस्थायी सामग्री के इस्तेमाल को लेकर डर या आशंका थी तो उसे दूर किया…

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गुरु पूर्णिमा पर शिक्षक-शिक्षिकाओं को किया सम्मानित;

डीएवी पब्लिक स्कूल बरारी भागलपुर के परिसर में गुरु पूर्णिमा को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को विद्यालयों के छात्रों ने सम्मानित किया। इसके लिए वर्ग नवम-दशम के छात्रों ने विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए सु्न्दर-सुन्दर कार्ड बनाए। इस अवसर पर आयोजित विशेष प्रार्थना सभा में प्राचार्य के साथ सभी शिक्षकों को तिलक करते हुए कार्ड देकर छात्रों ने अपने श्रद्धाभाव व्यक्त किये।

इसके साथ अविका शर्मा, श्रुति सोनल, सौम्या झा ने क्रमश: हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेजी में गुरु की महिमा को बताया। इसके बाद छात्रों ने गुरु के सम्मान में भजन प्रस्तुत किये। इसके अलावा नासिर ने गुरु पर कविता प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य रमेश चन्द्र शर्मा ने ‘आचार्य देवो भव: उक्ति के साथ गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु के बिना जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करना असम्भव है। अत: हमें गुरुओं का सम्मान करना चाहिए। उन्होनें सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को गुरु पूर्णिमा की बधाई दी और उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। डा. विमलेश झा ने बताया कि कार्यक…

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कहलगांव में गुरु पूर्णिमा पर गंगा आरती का आयोजन;

गंगा समग्र कहलगांव खंड के बैनर तले गुरु पूर्णिमा के मौके चारों धाम घाट में भव्य गंगा आरती का आयोजन किया गया। गंगा समग्र के कहलगांव खंड संयोजक  संतोष झा ने बताया कि मौके पर आटा से बना दीपक गंगा में प्रवाहित की गई । दीपदान के बाद मां गंगा कीभजनों की प्रस्तुति के साथ  महाआरती उतारी की गई ।  गुरुओं का अभिनंदन भी किया गया। मौके पर अनुभव कुमार चौधरी, आशीष कुमार, डॉ विप्लव चौधरी,अंचल पाण्डेय, पुरातन सिन्हा, बबीता झा, संगीता झा सहित दर्जनों श्रद्धालु शामिल थे।

 वहीं गुरु पूर्णिमा पर कहलगांव और बटेश्वर के उत्तरवाहिनी गंगा तट पर हजारों की संख्या में लोगों ने गंगा स्नान किया। इस अवसर पर बटेश्वर के नागा बाबा मंदिर, कहलगांव गंगा के मध्य तीनपहाड़ी स्थित शांति बाबा पहाड़ पर भक्तों का भीड़ लगा रहा। धार्मिक अनुष्ठान भी हुए।

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कांवर यात्रा 2022: बिहार में श्रावणी मेला आज से शुरू, सुल्तानगंज में डिप्टी CM तारकिशोर प्रसाद करेंगे उद्घाटन;

बिहार में भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में श्रावणी मेला और कांवर यात्रा की गुरुवार को विधिवत शुरुआत होगी। बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद अजगैवीनाथ धाम के नमामि गंगे घाट पर मेले का उद्घाटन करेंगे। हालांकि कई कांवरिये गुरु पूर्णिमा के मौके पर बुधवार को ही गंगा स्नान कर जल लेकर झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम के लिए रवाना हो गए। सुल्तानगंज में श्रावणी मेला को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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टकसाल, राजमहल (Taksal : Mint Factory) – Rajmahal

 

Ruins of Taksal, Rajmahal

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मां पगली दुर्गा मंदिर, राजमहल (Ma Pagli Durga Temple) – Rajmahal

शहर से करीब चार किलोमीटर दूर गुनिहारी पंचायत के गदागंज (मंडई) स्थित पगली दुर्गा मां का मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। मंदिर का इतिहास करीब 260 साल पुराना है।

 

Ma Pagli Durga Temple - Mandai, Rajmahal

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राजमहल रेलवे स्टेशन (Rajmahal Railway Station)

 

Rajmahal Railway Station   The heritage station building of Rajmahal, the oldest station of the Malda Division of Eastern Railways, which was also once the capital of Bengal during the Mughal period, the Rajmahal Railway Station is the second oldest station in India. 

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काठघर, राजमहल (Kathghar): The Village of Stone Cereals – Rajmahal

Kathghar, probably the only place on the face of earth where you can get ‘stone cereals’ – pebbles that resemble different varieties of rice, pulses and seeds.

The Geological Survey of India had done a study on these stone cereals in the late 80s and they came to the conclusion that these are basically undigested silica particles that were trapped inside the basalt rocks found in abundance in that area.

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नील कोठी, राजमहल (Neel Kothi) – Rajmahal

Neel-kothi is a historical place and it is located at the heart of the city of Rajmahal. It was built by Englishman on 24 September 1796 to process and storage of Neel (Indigo) used for dying cotton cloth;

During British time, Rajmahal became part of the British program for an indigo cultivation. Those indigo fields are probably being used for growing rice, dals, other cereals and even mustard.

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भोगनाडीह, साहिबगंज (Bhognadih) – Sahibganj

Bhognadih is a village in the Barhait CD block in the Sahibganj subdivision of the Sahibganj district of the Jharkhand State, India. It is a hilly area with the Rajmahal hills running from the bank of the Ganges in the extreme north to the south.

 

Bhognadih Park, Sahibganj

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रिखियापीठ आश्रम, देवघर (Rikhiapeeth Ashram) – Deoghar

Rikhiapeeth is situated in a remote village, twelve kilometers from the renowned temple town of Deoghar, Jharkhand. It is the tapobhumi of the great spiritual luminary and exponent of Yoga, Paramahansa Satyananda, founder Bihar School of Yoga Munger, who is renowned world-wide for his specialized and unparalleled contribution to Yoga, Tantra and the spiritual sciences.

Rikhiapeeth is where Swami Satyananda lived the life of a Paramahansa Yogi, for twenty years performing long and arduous yogic sadhanas before taking Samadhi here in 2009. In keeping with the yogic and spiritual legacy he left behind, the sprawling ashram has evolved into a vibrant epicenter where serious yoga lovers and sincere spiritual seekers from all walks of life, flock to experience the peace, harmony and true joy of living a Yogic lifestyle.

 

रिखियापीठ आश्रम, Deoghar

 

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सत्संग आश्रम, देवघर (Sri Sri Thakur Anukul Chandra Satsang Ashram) – Deoghar

Satsang Ashram is a holy place for devotees of Thakur Anukulchandra, in the south-west of Deoghar, established by Anukul Chandra. Thakur Anukulchandra was born on 14 September 1888. In a small village called Himaitpur in the Pabna district of the eastern zone of Bengal (the then undivided India) which is now in Bangladesh, lord came to save this world. He was born to Sri. Shibchandra Chakravarty (Shandilya Gotra, Kanyakubja Brahmin) and Manmohini Devi.

Anukulchandra was extremely mother centric, from his early life. His mother remained his guru throughout his life. He was lover of the mankind. Anukulchandra set up an Ashram at Pabna (later it was named Satsang). At Deoghar in India 1946 for fostering spiritual development a new Ashram had been set up by him. Eventually Satsang ashram at Deoghar became a major place of attraction in Deoghar fo all kind of people in the society.

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बैसी स्थान मंदिर, साहिबगंज (Baisi Sthan Temple) – Sahibganj

Baisi Sthan Temple, located at Kamal Tola, Sahibganj, is a revered Hindu shrine dedicated to Goddess Kali. The temple holds great religious significance, particularly for the local tribal communities, and is known for its vibrant festivals and rituals, especially during Navratri.

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जीवाश्म पार्क, साहिबगंज (Fossil Park) – Sahibganj

Fossil Park, Mandro is one of the world-famous Geological heritage. It lies in the Damin-i-Koh area which is the forested hilly area of Rajmahal Hills and is about 18 km from the town of Sahibganj,

 

Fossil Park, Sahibganj

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बिंदुवासिनी मंदिर, साहिबगंज (Binduvasini Temple/Bindudham) – Sahibganj

Bindudham, also known as Binduwasni Mandir, is a Hindu Temple, is located at Barharwa in Sahibganj District of Indian state Jharkhand and dedicated to the Maha Durga (Kali), Maha Lakshmi and Maha Saraswati (Tridevi) in the form of Shaktipeeth. Bindudham temple is an ancient temple,[ but with the elapse of time, it became unpopular.

 

Bindubasini Temple, Sahibganj

Swami Hariharanand Giri, popularly known as Pahari Baba, realized this ancient temple's importance. It is thanks to the work and direction of Pahari Baba that Bindudham, Barharwa (बिन्दुधाम, बरहरवा) has again gained its great prosperity and heritage. Binduwasni Temple (the temple of Tridevi) is related to the the story of Goddess Sati.

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मैना बीबी का मकबरा, राजमहल (Tomb of Maina Bibi) – Rajmahal

Maina Bibi’s grave in the centre of the town has a far more elaborate tomb, compare to other tombs in Rajmahal, dating back to 1779.

Historian H.M Qureshi has identified the tomb with Munni Begum, who was a Begum of the harem of Nawab Mir Jaffer of Bengal. It is in a state of decay.

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शाह शुजा का महल, राजमहल (Palace of Shah Suja) – Rajmahal

The Palace of Shah Suja, who was the son of Mughal Emperor Shah Jehan, is located in Rajmahal and most of its structure is in the form of ruins only. Singhi Dalan, which offers the most spectacular view of the Ganges, continues to be the most important structure in Rajmahal and the only well maintained part of Shah Shuja’s palace complex.

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